Main Nastik Kyon Hoon? (Hindi Translation of Why I am an Atheist and Letters & Jail Diary of Bhagat Singh on Revolution, Religion & Politics) Hindi Book
R**A
Nice and a must read for Bhagat Singh fans
Nice and a must read for Bhagat Singh fans
S**I
Informative
पुस्तक "मैं नास्तिक क्यों हूँ?" क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह का एक छोटा लेकिन शक्तिशाली निबंध है, जिन्हें 1931 में ब्रिटिश औपनिवेशिक सरकार ने फांसी दे दी थी। निबंध में, सिंह का तर्क है कि भगवान के अस्तित्व का समर्थन करने के लिए कोई सबूत नहीं है, और धर्म एक उपकरण है उत्पीड़न जिसका उपयोग हिंसा और शोषण को उचित ठहराने के लिए किया गया है।सिंह ने नास्तिकता को "ईश्वर के अस्तित्व को नकारना" के रूप में परिभाषित करना शुरू किया। फिर वह तर्क देता है कि ईश्वर के अस्तित्व का समर्थन करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। वह बताते हैं कि ब्रह्मांड विशाल और जटिल है, और किसी भी इंसान के लिए इसकी उत्पत्ति या उद्देश्य को समझना असंभव है। उनका यह भी तर्क है कि ईश्वर की अवधारणा विश्वास पर आधारित है, तर्क पर नहीं।इसके बाद सिंह धर्म के नकारात्मक प्रभाव पर चर्चा करते हैं। उनका तर्क है कि धर्म का उपयोग हिंसा, उत्पीड़न और शोषण को उचित ठहराने के लिए किया गया है। वह क्रूसेड, इनक्विजिशन और होलोकॉस्ट को उदाहरण के रूप में इंगित करता है कि कैसे धर्म का उपयोग हिंसा को उचित ठहराने के लिए किया गया है। उनका यह भी तर्क है कि धर्म का इस्तेमाल महिलाओं और अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न को उचित ठहराने के लिए किया गया है।सिंह ने जीवन के प्रति तर्कसंगत और वैज्ञानिक दृष्टिकोण का आह्वान करते हुए निबंध का समापन किया। उनका तर्क है कि हमें उत्तरों के लिए धर्म पर निर्भर नहीं रहना चाहिए, बल्कि अपने आस-पास की दुनिया को समझने के लिए अपने दिमाग का उपयोग करना चाहिए।पुस्तक अच्छी तरह से लिखी गई और प्रेरक है। सिंह के तर्क स्पष्ट और संक्षिप्त हैं, और वह साक्ष्य के साथ उनका समर्थन करने का अच्छा काम करते हैं। पुस्तक विचारोत्तेजक और चुनौतीपूर्ण भी है। यह पाठक को ईश्वर के अस्तित्व और समाज में धर्म की भूमिका के बारे में गंभीरता से सोचने के लिए मजबूर करता है।यह पुस्तक आज भी प्रासंगिक है। सिंह द्वारा धर्म के विरुद्ध दिए गए तर्क अभी भी मान्य हैं, और जीवन के प्रति तर्कसंगत और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के लिए उनका आह्वान अभी भी महत्वपूर्ण है। यह पुस्तक उन लोगों के लिए अवश्य पढ़ी जानी चाहिए जो भगत सिंह के विचारों और धार्मिक समाज में नास्तिकता की चुनौतियों को समझना चाहते हैं।
1**D
Must read👌
इस पुस्तक में भगत सिंह की देशभक्ति, साहस, वीरता, त्याग, निष्ठा और समर्पण का बहुत अच्छे से वर्णन किया गया है। लेखक ने बहुत अच्छे से बताया है कि कैसे उन्होंने भारत को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त कराने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। हमें उनके बलिदान पर गर्व है। वे जितने महान विचारक और लेखक थे, उतने ही महान क्रांतिकारी और स्वतंत्रता सेनानी भी थे। उन्होंने समय-समय पर अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज में चेतना जगाई, क्रांति की ज्वाला जलाई ताकि हर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भाग ले सके। इस पुस्तक को पढ़कर हमें गर्व महसूस होता है। एक बार अवश्य पढ़ें.....
R**A
Main Nastik Kyon Hoon
Main Nastik Kyon Hoon is a excellent product. Its print and paper quality is superior.
S**A
Good reading book
भगत सिंह के जीवन पर आधारित इस क़िताब 'मैं नास्तिक क्यों हूँ' में उनके जीवन के कुछ ऐसे पहलुओं के बारे में लिखा हुआ है जो शायद हमको आपको पहले न मालूम हुआ हो। उनके आंदोलनकारी सफर से लेकर, विवाद भरी जिंदगी से लेकर कई ऐसे सवालों के जवाब आपको इस क़िताब को पढ़कर मिल जाएंगे।
न**य
भगत सिंह की जीवनी
मैंने इस बुक का इंग्लिश वर्जन पढ़ा है और अब हिंदी वर्जन पढ रहा हूं बुक का अनुवाद कमाल का है ..... कहीं-कहीं तो बुक आपको रोमांच से भर देती है
A**E
इसे जरूर पढ़े!!!
इस किताब को जरूर खरीदिए, इसमें "मैं नास्तिक क्यों हूं?" के साथ शहीद भगत सिंह जी के लिखे हुए कई खत, HSRA के पर्चे, जेल के दौरान के किस्से और भी बोहोत कुछ शामिल है!
R**A
Good
इस पुस्तक में संकलित लेख हुताम्या भगत सिंह के गहन अध्ययन, चिंतन और भावाभिव्यक्ति की अंतर्दृष्टि देते और तत्कालीन समाज का दिग्दर्शन भी करवाते हैं
Trustpilot
2 months ago
1 day ago